आखिर क्या हैं प्राण ऊर्जा का रहस्य जिसे हमारे सभी ऋषि मुनि जानते थे और वे 400 वर्ष तक भी निरोग रहते थे....
आखिर क्या हैं प्राण ऊर्जा का रहस्य जिसे हमारे सभी ऋषि मुनि जानते थे और वे 400 वर्ष तक भी निरोग रहते थे....
प्राण ऊर्जा का रहस्यमयी विज्ञान....!!!
#आज इस पोस्ट में हम बात कर रहे हैं प्राण ऊर्जा की जैसा की आपको टाइटल देख कर ही समझ आ गया होगा की यह कोई साधारण सी वस्तु नहीं हैं अपितु एक समग्र विज्ञान हैं जिसे हमारे ऋषि मुनियों नें गुरु शिष्य परम्परा से श्रुति माध्यम से संजोये रखा और आज भी यह अद्भुत विज्ञान आप और हमारे बीच जीवित हैं... और हाँ आज भी यह उतना ही सटीक और लाभदायक सिद्ध होता हैं जितना आज से सैकड़ो हजारों वर्ष पूर्व हुआ करता था....।।
#आज के समय में हमारे समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम अपने स्वास्थ्य को कैसे ठीक रख पाएंगे जब चारों ओर प्रदूषण और हर खानपान की वस्तु में मिलावट मौजूद है यहां तक की आज हमारा पीने का पानी और जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह भी प्रदूषित हो चुकी है ऐसे में हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि जितना हो सके हम अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखें और उनकी पूर्ति के लिए किया जाने वाला पुरुषार्थ हम स्वयं करें अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव करें और अपने नियमित कार्यों को समय पर पूरा करें जैसे सुबह के समय जल्दी उठ जाएं और दिनभर खूब परिश्रम से अपना दिन व्यतीत करें अपने सभी कार्यों कों करें और रात्रि के समय 10:00 बजे तक अवश्य सो जाएं।।
#सुबह ब्रह्म मुहूर्त के समय पर अर्थात प्रातः 3:00 बजे से 5:00 बजे के बीच में अवश्य सोकर उठ जाएं और इस समय अपनी नित्य क्रियाओं से निवृत होकर दातुन या दंतमंजन करके दांतो कों ठीक से साफ करके फिर स्नान कर लें इसके पश्चात किसी खुले स्थान पर या छत आदि पर जहां हवा का आवागमन ठीक से हो आसन सुखासन अर्थात आलती पालती या चौकड़ी लगाकर बैठ जाएं और आंखें बंद कर ले अपना पूरा ध्यान अपने हृदय क्षेत्र में स्थित छाती के मध्य स्थित गड्ढे पर लगाये, धीमी गति से श्वास आने दे और धीमी गति से ही श्वास को बाहर करते रहें यह क्रिया बिल्कुल सहजता से करें इसमें किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती नहीं करें कुछ समय पश्चात आप देखेंगे कि आपका मन शांत हो रहा है आपके चित्त में शांति महसूस हो रही है आपका तनाव धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है आपके शरीर में एक अलग सा हल्कापन महसूस हो रहा है जो आज से पहले आपने कभी महसूस ही नहीं किया था इसी आसन में 15 मिनट से लेकर 40 मिनट तक आप जितना सहजता से बैठ पाए उतना बैठ सकते हैं शुरुआत में थोड़ी समस्या आती है लेकिन धीरे-धीरे यह क्रिया सहजता से होने लगती है उसके बाद में आप धीरे धीरे समय सीमा को और भी बढ़ा सकते हैं अपने सामर्थ्य के अनुसार।।
#ज़ब आपकों इस क्रिया कों करते हुए लगभग 2 से 3 महीने का समय हों जायेगा तो आप स्वयं में बहुत अद्भुत बदलाव देखेंगे और जीवन का या यें कहे की मनुष्य जीवन में परमात्मा नें आपको भेजा हैं धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की सिद्धि के लिए उसे आप वास्तविकता में कर पाएंगे बिना किसी व्यवधान के...।।
#यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कोई रोग हैं या बीमारियों के कारण किसी भी प्रकार की असहजता हैं तो शुरु में आपको थोड़ा तो अन्य लोगों से अधिक पुरुषार्थ करना होगा लेकिन जैसे जैसे आपको इस सबमे सुबह के समय जों प्रकृति की सुंदरता एवं शान्ति में आनंद आने लगेगा तो आप स्वयं इसके लिए सजग रहेंगे और प्रतीक्षा में रहेंगे इस अद्भुत प्रातः वेला की और आपका जीवन पूर्णतः बदल गया होगा।।
#मित्रों सुबह के समय की जों वायु होती हैं वह सबसे ज्यादा शुद्ध और शांति दायक होती हैं क्योंकि चारों ओर का वातावरण एकदम शांत होता हैं जिससे हम जों भी कार्य इस समय पर करते हैं चाहें वह पढ़ना हों या कुछ नया सीखना वह हम बहुत बेहतर तरीके से कर ही नहीं पाते अपितु उसमें विशेष कुशलता भी प्राप्त कर पाते हैं...।।
#इसके साथ ही आपको यह भी ध्यान देना होगा की दिनभर में हम निश्चित समय पर भोजन ग्रहण करनें की आदत बनाएं जिससे प्रतिदिन समय पर हमें भूख भी लगने लगेगी और हमारा पेट भी अच्छे से साफ होगा क्योंकि खाया गया अन्न का ठीक से पाचन होकर सभी सातों धातुए ठीक प्रकार से बनेगी और शरीर कों उत्तम पोषण और बल भी मिलेगा...।।
#आपका भोजन सात्विक होना चाहिए अधिकता उसमें घी, दूध, दही, साग सब्जिया, फल, मेवे, सलाद की हों एवं हल्का सुपाच्य हों और पूर्णतः घर पर ही निर्मित होना चाहिए और एकदम प्रकृति से प्राप्त होना चाहिए जिसमें किसी भी जीवन जन्तु का शोषण नहीं हों क्योंकि जैसा होगा आपका अन्न वैसा ही बनेगा आपका मन अतः अन्न की शुद्धि बहुत जरूरी हैं....।।
#अगले पोस्ट में हम इस पर आगे भी चर्चा करेंगे अपने भारतीय ऋषियों के विज्ञान की जैसे हवन/यज्ञ चिकित्सा, प्राणायाम, पंचतत्व चिकित्सा आदि आदि अनेकों जानकारी आप सभी के साथ साझा करने वाले हैं हम.....।।
आने वाले समय में बस आप सब बने रहे हमारे साथ....।।
आने वाले समय में बस आप सब बने रहे हमारे साथ....।।
आपका शुभचिंतक....
प्रकृति मित्र....🙏🙏

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